हम दूसरों को ज्ञान देने में हमेशा आगे रहते हैं किसी को दुख के समय सांत्वना देनी हो या सलाह देनी हो या दुख की घड़ी में उसको हल्का करना हो यह सभी काम हम दूसरों के लिए बेहतर तरीके से कर सकते हैं लेकिन वही परिस्थितियां अगर हमारे सामने आकर खड़ी हो जाती हैं तो हमारे अंदर मौजूद एक समझदार इंसान जो किसी भी परिस्थिति को हैंडल कर सकता है वह कहां चला जाता है पता नहीं
इसलिए ना कहते हैं की सलाह देना यह ज्ञान देना बड़ा आसान होता है जब खुद पर वो बात आती है तो सब की सूझबूझ तेल लेने चली जाती है।
किसी भी नकारात्मक परिस्थिति में हमें अपने आप को कंट्रोल करना है अपने इमोशंस को कंट्रोल करना है हमें खुद ही संभालना है।
इस संसार में प्रत्येक व्यक्ति का एक अलग लेवल ऑफ अंडरस्टैंडिंग होता है जिसके अकॉर्डिंग वह काम करता है हो सकता है आपका लेवल और अंडरस्टैंडिंग उस व्यक्ति के कंपैरिजन में कम या ज्यादा हो bus yahi yah understanding ka mismatch झगड़े का कारण बनता है।
यदि आप सोचते हैं कि यह व्यक्ति क्यों ऐसी बातें कर रहा है क्यों मुझे आलोचना कर रहा है तो यह उसकी समस्या है वह मजबूर है ऐसा करने के लिए चलिए आपको मैं एक उदाहरण के द्वारा समझाती हूं।
एप्पल के आईफोन का कंफीग्रेशनदूसरे मोबाइल की कंफीग्रेशन से अलग है,दोनों तरह से काम करते है
अब इसमें आप नाराज होने लगे यह फोन एप्पल की तरह काम क्यों नहीं कर रहा इससे आप गुस्सा हो जाओ फोन को तोड़फोड़ दो या आपकी गलती है आपको समझना है जैसा उसके अंदर प्रोग्रामिंग याकंफीग्रेशन होगा वह उसी के अनुसार ही काम करेगा ऐसे ही इंसान होता है उसके अंदर जिस प्रकार के विचार भाव लेवल ऑफ अंडरस्टैंडिंग होते हैं उसी प्रकार से काम करेगा इसलिए समझदारी से काम लीजिए अपने आप को शांत रखिए और किसी भी प्रकार की नकारात्मक परिस्थिति से खुद को बाहर निकालिए
इसलिए ना कहते हैं की सलाह देना यह ज्ञान देना बड़ा आसान होता है जब खुद पर वो बात आती है तो सब की सूझबूझ तेल लेने चली जाती है।
किसी भी नकारात्मक परिस्थिति में हमें अपने आप को कंट्रोल करना है अपने इमोशंस को कंट्रोल करना है हमें खुद ही संभालना है।
इस संसार में प्रत्येक व्यक्ति का एक अलग लेवल ऑफ अंडरस्टैंडिंग होता है जिसके अकॉर्डिंग वह काम करता है हो सकता है आपका लेवल और अंडरस्टैंडिंग उस व्यक्ति के कंपैरिजन में कम या ज्यादा हो bus yahi yah understanding ka mismatch झगड़े का कारण बनता है।
यदि आप सोचते हैं कि यह व्यक्ति क्यों ऐसी बातें कर रहा है क्यों मुझे आलोचना कर रहा है तो यह उसकी समस्या है वह मजबूर है ऐसा करने के लिए चलिए आपको मैं एक उदाहरण के द्वारा समझाती हूं।
एप्पल के आईफोन का कंफीग्रेशनदूसरे मोबाइल की कंफीग्रेशन से अलग है,दोनों तरह से काम करते है
अब इसमें आप नाराज होने लगे यह फोन एप्पल की तरह काम क्यों नहीं कर रहा इससे आप गुस्सा हो जाओ फोन को तोड़फोड़ दो या आपकी गलती है आपको समझना है जैसा उसके अंदर प्रोग्रामिंग याकंफीग्रेशन होगा वह उसी के अनुसार ही काम करेगा ऐसे ही इंसान होता है उसके अंदर जिस प्रकार के विचार भाव लेवल ऑफ अंडरस्टैंडिंग होते हैं उसी प्रकार से काम करेगा इसलिए समझदारी से काम लीजिए अपने आप को शांत रखिए और किसी भी प्रकार की नकारात्मक परिस्थिति से खुद को बाहर निकालिए
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