छोटी सोच =बड़ा कपड़ा
बड़ी सोच =छोटा कपड़ा
ए खुदा तूने भी गजब कर दिया
सांसे छीन कर जिंदा रखा
जियू किस वजह से
जिंदा रहकर भी मुर्दा बना दीया
जहा समस्या होती है वहा समाधान भी होता है
जहा रास्ता नहीं होता वहा भी रास्ता बन जाता है
गांव की पगडंडी को देखा है जहा कोई रास्ता नहीं था
बन जाता है रास्ता खुद ब खुद, राही के चलने से
कांच का ग्लास थोड़े हूं साहब जो टूट जाऊंगी, मै तो हूं वो फौलादी चट्टान अगर हाथ भी लगाओगे तो मूरत बन जाऊंगी
क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी