Kavita
ए खुदा तूने भी गजब कर दिया
सांसे छीन कर जिंदा रखा
जियू किस वजह से
जिंदा रहकर भी मुर्दा बना दीया
क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी
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