सोमवार, 28 सितंबर 2020

दिल चाहता है

कभी कभी  दिल चाहता है उसे फिर से पा लू ,पर शायद ये मुमकिन नहीं 

बड़ी दूर आ गए है हम ,वापस उस दोराहे पर जाने की हिम्मत नहीं 

पलटकर देखा ना एक पल भी हमें जाते हुए ,हम फिर कियू फिकर करे 

अच्छा होगा ज़िन्दगी में आगे बढ़े 

आत्मविश्वास

जिन्हे पंखों का सहारा, हो वो गिरने से नहीं डरते 


शनिवार, 12 सितंबर 2020

Significance of flow of love

 प्यार का प्रवाह हर जगह होता है यह प्रभाव हमें जीवन के कई रिश्ते में देखने को मिलता है जैसे कि भाई के प्रेम का बहन की और प्रभा माता-पिता की प्रेम का बच्चों पर प्रवाह

यह प्रवाह निरंतर चलता ही रहता है प्रेम का प्रभाव झरने के प्रवाह की तरह है यह निरंतर चलता ही रहता है अगर इसका प्रवाह रुक गया तो जीवन नीरस हो जाएगा बेरंग हो जाएगा प्यार का प्रभाव सबसे खूबसूरत तब होता है जब एक नन्ही सी जान एक मां के गर्भ में पल रही होती है उस प्रेम का प्रवाह शिशु मां के द्वारा महसूस कर सकता है वह महसूस कर सकता है असीम प्रेम के प्रवाह को यह बेहद जरूरी है 

प्रेम के प्रभाव को हर कोई महसूस कर सकता है इंसान कितना भी दुर्जन क्यों ना हो असीम प्रेम देने पर वह बदल जाता है

प्रेम की प्रवाह का नियम ऊष्मा के संवहन के नियम की तरह है ऊष्मा के संवहन के नियम के अनुसार ऊष्मा जाने की गर्मी अधिक ताप से कम ताप की ओर प्रवाहित होती है ठीक उसी प्रकार प्रेम भी अधिक प्रेम रखने वाले इंसान से कम प्रेम रखने वाले इंसान की ओर प्रवाहित होता है।।



सोमवार, 25 मई 2020

नशीली आंखें

आंखे इतनी नशीली है कि
मदहोशी छा जाए 
कैसे बचाए इस दिल को कोई
जब तीखे नयनों से कोई बाण चलाए

शनिवार, 23 मई 2020

सफलता की कुंजी मेहनत

मेहनत है वह हथियार पाओगे जिससे तुम सफलता अपार
मेहनत किस्मत खोलने की वो चाबी है जिसका हर कोई ना आदी है
तुम कोशिश करके तो देखो, मुट्ठी में होगा सारा आसमान
मेहनत करके ही तो रस्सी ने पत्थर पर निशान बनाया
हजार बार असफल होकर ही एडिसन ने बल्ब बनाया
समय नष्ट ना करो बार बार  कोशिश करके देखो तो एक बार 
सफलता मिलेगी ही मिलेगी तुम्हे हर बार

गुरुवार, 21 मई 2020

चालाकी और भोलापन कब और कहां उपयोग करें इसका हमेशा ध्यान रखें

बचपन में घर घर खेलते खेलते पता ही नहीं चला मैं कब  मैं बड़ी हो गई और यह साथ में खिलौने वाले बर्तन भी बड़े हो गए हैं जिम्मेदारी में भी बड़ी हो गई है पहले हम छोटे थे खेल खिलौने छोटे थे आकांक्षाएं छोटी थी पैसों की चाहत छोटी थी सब कुछ बढ़ गया है जरूरतें बढ़ गई हैं और शान बढ़ गई हैं अहंकार बढ़ गया है शरीर बढ़ गया है बुद्धि बढ़ गई है बस एक ही चीज घट गई है मासूमियत
मासूमियत ने  तजुर्बा तो दे दिया लेकिन   मासूमियत छीन ली
लेकिन शायद यह वक्त की जरूरत भी है जैसे कि मासूमियत बचपन में ही सही है आज के समय में जो मासूम है बोला है उसकी कोई इज्जत नहीं है उसे कोई भी बेवकूफ बना सकता है जीवन में अगर जीना है तो चाणक बनकर ही जीना पड़ता है बच्चा जब धीरे-धीरे बड़ा होता है तब उसने चालाकियां आने लगते हैं और मासूमियत खोने लगती है जिंदगी को जैसे जरूरत होती है वह अपने हिसाब से चलती है जो कुछ भी होता है सब अच्छा ही होता है इसलिए just go with the flow of life 

इसका यह कतई मतलब नहीं है कि आप फ्लो ऑफ लाइफ में कुछ ऐसा कर जाओ जो कि अनैतिक हो नहीं ऐसा नहीं आप अपने जज बनो चीजों को देखो क्या सही है और क्या गलत कहां मासूमियत ठीक रहेगी कहां चालाकी से काम चलेगा
अपने घर परिवार में मासूम बन कर रहो क्योंकि सबके दिल आपके पति अच्छे ही होंगे लेकिन बाहर निकल के उस मासूम दिल को एक कोने में रख कर बाहर निकलो।
नहीं तो दुनिया वह चांटा मारेगी जिससे लालपन वर्षों तक कायम रहेगा इसलिए मासूमियत और चालाकी दोनों ही जरूरी है इन दोनों का उचित मात्रा में अनुपात अपने हृदय में रखो और सही समय आने पर इनका उपयोग करो।
अगर आप घर परिवार में चालाकी यानी दिमाग से काम लेंगे दिल से नहीं तो परिवार बिखर जाएगा क्योंकि वहां चालाकी की जरूरत है ही नहीं और बाहर वालों हो मासूमी दिखाओगे तो वह तुम्हें लूट कर रख लेंगे।

गुरुवार, 14 मई 2020

गरीबी कि परिभाषा

गरीबी क्या होती है ये उस मजदूर से पूछो जिसे दो वक़्त की रोटी के लिए दो हजार कदम चलना पड़ता है।

क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी