शनिवार, 12 सितंबर 2020

Significance of flow of love

 प्यार का प्रवाह हर जगह होता है यह प्रभाव हमें जीवन के कई रिश्ते में देखने को मिलता है जैसे कि भाई के प्रेम का बहन की और प्रभा माता-पिता की प्रेम का बच्चों पर प्रवाह

यह प्रवाह निरंतर चलता ही रहता है प्रेम का प्रभाव झरने के प्रवाह की तरह है यह निरंतर चलता ही रहता है अगर इसका प्रवाह रुक गया तो जीवन नीरस हो जाएगा बेरंग हो जाएगा प्यार का प्रभाव सबसे खूबसूरत तब होता है जब एक नन्ही सी जान एक मां के गर्भ में पल रही होती है उस प्रेम का प्रवाह शिशु मां के द्वारा महसूस कर सकता है वह महसूस कर सकता है असीम प्रेम के प्रवाह को यह बेहद जरूरी है 

प्रेम के प्रभाव को हर कोई महसूस कर सकता है इंसान कितना भी दुर्जन क्यों ना हो असीम प्रेम देने पर वह बदल जाता है

प्रेम की प्रवाह का नियम ऊष्मा के संवहन के नियम की तरह है ऊष्मा के संवहन के नियम के अनुसार ऊष्मा जाने की गर्मी अधिक ताप से कम ताप की ओर प्रवाहित होती है ठीक उसी प्रकार प्रेम भी अधिक प्रेम रखने वाले इंसान से कम प्रेम रखने वाले इंसान की ओर प्रवाहित होता है।।



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क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी