Dono ki ladai ho rahi ho jaise
कभी बारिश कभी धूप निकल रही है ऐसे
दोनो की लड़ाई हो रही हो ऐसे
ए खुदा तूने भी गजब कर दिया
सांसे छीन कर जिंदा रखा
जियू किस वजह से
जिंदा रहकर भी मुर्दा बना दीया
क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी