बुधवार, 23 दिसंबर 2020

सोने सा मन

मत कहिए सोने सा मन है उसका , कियुकी हर सोना खरा नहीं होता 

खट्टा मीठा नींबू आचार

वो नींबू सी खट्टी और मै शकर सा मीठा
आचार खट्टा मीठा तो बनना ही था 

वर्तमान में जिओ जीवन का आनंद उठाओ

 वर्तमान में जीना कोई बच्चों से सीखे बेवजह मुस्कुराना खेलना कूदना 


बच्चे कभी depress नहीं होते क्यों क्योंकि वह वर्तमान में जीते हैं और जो वर्तमान में जीता है वह डिप्रेस्ड हो ही नहीं सकता

इसलिए खुशी से जीना है तो वर्तमान में रहन सीखो हमारा मन भूत और भविष्य के बीच डोलता रहता है किसी पेंडुलम घड़ी की तरह

अगल बगल भूत और भविष्य है और बीच में वर्तमान बस आपकी हालत पेंडुलम घड़ी की तरह  हो गई है

भूत के बारे में सोचने से कुछ नहीं मिलेगा आप उसको बदल नहीं सकते चाहे जितना कोशिश कर लीजिए भविष्य में आपके हाथों में नहीं है बस वर्तमान पर पकड़ है उसे पकड़ो और उससे जुड़ जाओ।


बच्चे क्यों डिप्रेस्ड नहीं होते क्योंकि वह वर्तमान में जीते हैं आपने देखा होगा जवान अपने बचपन को याद करता है और बूढ़ा अपनी जवानी को याद करता है। लेकिन बच्चा कुछ याद नहीं करता वह केवल वर्तमान में जीता है और उसको जीता है।




मंगलवार, 22 दिसंबर 2020

छोटा शहर

छोटे शहेर का बड़ा सुकून 
लगता छोटा ,पर है मासूम


छोटे शहर में सुख सुविधाएं तो नहीं होती लेकिन सुकून बड़ा होता है छोटे शहर में मेट्रो नहीं होती हवाई अड्डा नहीं होता मॉल नहीं होती लेकिन सुकून बहुत ज्यादा
अपने बीते हुए कल को एक छोटे शहर में देख पाती हूं मैं पहले छोटे शहर में रहा करती थी मेरे मां-बाप हम दो बहने एक साथ रहा करते थे और उस समय की यादें आज भी तरोताजा हो जाती है 

छोटी सी साइकिल में पूरा मोहल्ला घूम लेते थे मोहल्ले बच्चों की टोलियां घूमा करती थी होली पर तो बच्चों की मौज मस्ती देखते ही बनती थी सुबह से लेकर ही शुरुआत हो जाती थी रंग लगाने की, इतना उत्साह था हर त्यौहार को लेकर जिसका शब्दों में वर्णन करना मुश्किल है चार-पांच दिन पहले से ही रंग पिचकारी और मुखौटा और भोपु लेकर घूमते थे लेकिन आप सब कुछ बदल गया है लोगों को बात करने का शराबी समय नहीं है सब अपने-अपने काम में व्यस्त हैं अभी तो ऐसे लगता है कि कुछ दिनों बाद लोग त्योहार मनाना ही भूल जाएंगे।
लेकिन यह सब चीजें छोटे गांव और शहरों में अभी भी जिंदा है इसलिए ऐसा महसूस होता है जैसे दोबारा वह समय में आ गई हूं ।



रविवार, 20 दिसंबर 2020

आलसी पति

कोई रहता है इस दिल में 
बाहर निकालने का नाम ही नहीं लेता 
दिल जलाता रहता है
गले लगाने का नाम नहीं लेता 
सोता रहता है बिस्तर में पड़े पड़े 
सुबह उठने का नाम नहीं लेता 😃😛😜😜😝



शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

दूसरो को परवाह करना करना बंद कर दो

अपने दिल की सुनो अपने मन की करो जो मन चाहे वह दिल खोलकर लोगों के हिसाब से चलना बंद करो हर बात में लोग क्या सोचेंगे जितना जल्दी इस विचार को आप अपने दिमाग से निकाल देंगे उतने ही जल्दी आप अपने जीवन में खुश रह पाएंगे
रहने का मंत्र यही तरीका है अपने ही धुन मस्ती में जिया जाए
औरों की परवाह करना छोड़ दिया जाए

दूसरे लोग पता है क्या चाहते हैं वह तो चाहते हैं अब इस दुनिया में ही नहीं हो तो बहुत अच्छा होगा तो क्या आप अपने बारे में ऐसा सोचेंगे हरगिज़ नहीं तो फिर हर बात में दूसरों के हिसाब से चलने की क्या जरूरत है आप अपने हितेषी हैं आप अपने स्वयं के बहुत अच्छे मित्र हैं आप अपना भला चाहते हैं आपके लिए आपसे ज्यादा अच्छा और कोई नहीं सोच सकता इसलिए बात बात पर दूसरों की बातों पर गौर करना बंद कर दीजिए
कुछ लोग बहुत ज्यादा सेंसिटिव होते हैं वह लोगों की हर बात को कान लगाकर सुनते हैं जैसे कि वह पड़ोस की कमला मेरे बारे में क्या कह रही थी जरूर मेरी बुराई कर रही होगी

अरे कर रही होगी तो कर रही होगी उसका मुंह उसका दिमाग उसे जो सोचना है वह तो सोचेंगे उसको आप कंट्रोल कर नहीं सकते आप खुद को कंट्रोल कर सकते हो कि आपको कैसे सोचना है जो लोग अपने जीवन में खुद कुछ नहीं कर पाती मैं दूसरों पर टीका टिप्पणी बहुत जल्दी कर लेते हैं।

ऐसे लोगों की परवाह करना बिल्कुल बंद कर दो ऐसे लोग खुद को कुछ काम नहीं रहता है इनके जीवन का कोई लक्ष्य नहीं होता है बस एक ही काम रह जाता है इधर उधर के लोगों की बुराई करना अगर वह अच्छे इंसान होते या अपने लक्ष्य पर केंद्रित होते तो क्या वही है काम करते नहीं एक सफल इंसान को इन सब बातों से कोई परवाह नहीं होती उसे बस अपनी सफलता दिखती है।

आपने सोचा है बिल गेट्स मार्क जुकरबर्ग Elon Musk 
जैसी सफल व्यक्तियों की की क्या विचारधारा रहती है क्या वह दूसरों की आलोचना करने में समय कब आते हैं बिल्कुल भी नहीं वह दिन रात उन्नति के बारे में सोचते हैं वे अपने दिन के 24 घंटों का भरपूर उपयोग करते हैं ।

गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

Don't ruin nature's beauty

 इंसान ने अगर अपने bank balance से ज्यदा nature के  balance के बारे में सोचा होता तो शायद imbalace नहीं होता ।

क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी