शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

दूसरो को परवाह करना करना बंद कर दो

अपने दिल की सुनो अपने मन की करो जो मन चाहे वह दिल खोलकर लोगों के हिसाब से चलना बंद करो हर बात में लोग क्या सोचेंगे जितना जल्दी इस विचार को आप अपने दिमाग से निकाल देंगे उतने ही जल्दी आप अपने जीवन में खुश रह पाएंगे
रहने का मंत्र यही तरीका है अपने ही धुन मस्ती में जिया जाए
औरों की परवाह करना छोड़ दिया जाए

दूसरे लोग पता है क्या चाहते हैं वह तो चाहते हैं अब इस दुनिया में ही नहीं हो तो बहुत अच्छा होगा तो क्या आप अपने बारे में ऐसा सोचेंगे हरगिज़ नहीं तो फिर हर बात में दूसरों के हिसाब से चलने की क्या जरूरत है आप अपने हितेषी हैं आप अपने स्वयं के बहुत अच्छे मित्र हैं आप अपना भला चाहते हैं आपके लिए आपसे ज्यादा अच्छा और कोई नहीं सोच सकता इसलिए बात बात पर दूसरों की बातों पर गौर करना बंद कर दीजिए
कुछ लोग बहुत ज्यादा सेंसिटिव होते हैं वह लोगों की हर बात को कान लगाकर सुनते हैं जैसे कि वह पड़ोस की कमला मेरे बारे में क्या कह रही थी जरूर मेरी बुराई कर रही होगी

अरे कर रही होगी तो कर रही होगी उसका मुंह उसका दिमाग उसे जो सोचना है वह तो सोचेंगे उसको आप कंट्रोल कर नहीं सकते आप खुद को कंट्रोल कर सकते हो कि आपको कैसे सोचना है जो लोग अपने जीवन में खुद कुछ नहीं कर पाती मैं दूसरों पर टीका टिप्पणी बहुत जल्दी कर लेते हैं।

ऐसे लोगों की परवाह करना बिल्कुल बंद कर दो ऐसे लोग खुद को कुछ काम नहीं रहता है इनके जीवन का कोई लक्ष्य नहीं होता है बस एक ही काम रह जाता है इधर उधर के लोगों की बुराई करना अगर वह अच्छे इंसान होते या अपने लक्ष्य पर केंद्रित होते तो क्या वही है काम करते नहीं एक सफल इंसान को इन सब बातों से कोई परवाह नहीं होती उसे बस अपनी सफलता दिखती है।

आपने सोचा है बिल गेट्स मार्क जुकरबर्ग Elon Musk 
जैसी सफल व्यक्तियों की की क्या विचारधारा रहती है क्या वह दूसरों की आलोचना करने में समय कब आते हैं बिल्कुल भी नहीं वह दिन रात उन्नति के बारे में सोचते हैं वे अपने दिन के 24 घंटों का भरपूर उपयोग करते हैं ।

गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

Don't ruin nature's beauty

 इंसान ने अगर अपने bank balance से ज्यदा nature के  balance के बारे में सोचा होता तो शायद imbalace नहीं होता ।

बीता बचपन याद आया

समझदारी कहा से आयेगी, अभी कल ही तो बचपन खतम हुआ 

ऐसा लगता है मानो कल की बात हो छुपा छुपी खेलते हुए 
और खेलकर थककर सो जाना 
किसी चीज़ को ना कोई फ़िक्र न कोई परवाह 
अभी कल ही तो बचपन खतम हुआ है

बॉटल घुमाते घुमाते स्कूल से जाना फिर घर आकर मम्मी को सारी रामायण सुनाना
समझदारी कैसे आए 
अभी तो कल ही बचपन खतम हुआ है 
कॉपी किताब पर कवर चढ़ना ,होता था बहुत बड़ा काम
नया बस्ता टिफिन बॉटल भी खरीदना भी तो नहीं था आम 


बुधवार, 16 दिसंबर 2020

Digital सन्देश

 संदेशे आते है , संदेशे जाते है 

पहले कबूतर जाते थे, चिठ्ठी लाते थे 

whatsap अब आ गया है , तो दिल पूछे जाता है 

Msg कब करो ओ गे ,msg कब करो ओ  गें

कि तुम्हारे hmm बिना ये inbox सूना है 😃🎁😍😃




मंगलवार, 15 दिसंबर 2020

घर का स्वाद

घर के खाने स्वाद कभी कोई नहीं भूल पाता घर के खाने के स्वाद में ही एक अलग ही मजा है घर पर खाना जब मैं पढ़ाई के लिए अपने घर से दूर इंदौर में रहा करती थी मुझे बाहर खाना पड़ता था पर वह स्वाद नहीं था जो मां के हाथ के खाने में था क्योंकि वह प्यार होटल वाला यह बाहर कोई नहीं दे सकता खाने में जान डाल देता है मां के हाथ का बना खाना खाना जब हम बना रहे होते हैं तो बहुत ही ज्यादा जरूरी हो जाता है कि बनाने वाले का स्टेट ऑफ माइंड किया है वह किस मेंटल स्टेट से खाना बना रहा है अगर वह गुस्सा होकर बना रहा है तो खाना बेकार ही बनेगा टेस्टलेस बनेगा इसलिए कहते हैं जब भी खाना बनाओ अच्छे मन से बनाओ बहुत ही टेस्टी बनता है मेरी मां हमेशा कहती थी यह बात और आज भी उस बात पर अमल कर रही हूं सच में खाना बहुत ही टेस्टी बनता है जब भी बनाती हूं
ऊर्जा को खाने में डालिए प्यार से परोसिए 

क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी