गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

बीता बचपन याद आया

समझदारी कहा से आयेगी, अभी कल ही तो बचपन खतम हुआ 

ऐसा लगता है मानो कल की बात हो छुपा छुपी खेलते हुए 
और खेलकर थककर सो जाना 
किसी चीज़ को ना कोई फ़िक्र न कोई परवाह 
अभी कल ही तो बचपन खतम हुआ है

बॉटल घुमाते घुमाते स्कूल से जाना फिर घर आकर मम्मी को सारी रामायण सुनाना
समझदारी कैसे आए 
अभी तो कल ही बचपन खतम हुआ है 
कॉपी किताब पर कवर चढ़ना ,होता था बहुत बड़ा काम
नया बस्ता टिफिन बॉटल भी खरीदना भी तो नहीं था आम 


बुधवार, 16 दिसंबर 2020

Digital सन्देश

 संदेशे आते है , संदेशे जाते है 

पहले कबूतर जाते थे, चिठ्ठी लाते थे 

whatsap अब आ गया है , तो दिल पूछे जाता है 

Msg कब करो ओ गे ,msg कब करो ओ  गें

कि तुम्हारे hmm बिना ये inbox सूना है 😃🎁😍😃




मंगलवार, 15 दिसंबर 2020

घर का स्वाद

घर के खाने स्वाद कभी कोई नहीं भूल पाता घर के खाने के स्वाद में ही एक अलग ही मजा है घर पर खाना जब मैं पढ़ाई के लिए अपने घर से दूर इंदौर में रहा करती थी मुझे बाहर खाना पड़ता था पर वह स्वाद नहीं था जो मां के हाथ के खाने में था क्योंकि वह प्यार होटल वाला यह बाहर कोई नहीं दे सकता खाने में जान डाल देता है मां के हाथ का बना खाना खाना जब हम बना रहे होते हैं तो बहुत ही ज्यादा जरूरी हो जाता है कि बनाने वाले का स्टेट ऑफ माइंड किया है वह किस मेंटल स्टेट से खाना बना रहा है अगर वह गुस्सा होकर बना रहा है तो खाना बेकार ही बनेगा टेस्टलेस बनेगा इसलिए कहते हैं जब भी खाना बनाओ अच्छे मन से बनाओ बहुत ही टेस्टी बनता है मेरी मां हमेशा कहती थी यह बात और आज भी उस बात पर अमल कर रही हूं सच में खाना बहुत ही टेस्टी बनता है जब भी बनाती हूं
ऊर्जा को खाने में डालिए प्यार से परोसिए 

सोमवार, 14 दिसंबर 2020

बेरोजगार आशिक़

दिल की हसरतें थी तुम्हे, पाने की
बेरोज़गारी ने उनको ज़िंदा गाड़ दिया 

Nagphani cactus

बनना है तो नाग फनी बनो छुईमुई नहीं  



Meri dadi ki kahani


दादी है बहुत याद आती 
कभी हसती थी कभी रुलाती थी
बात ना मानने पर गुस्सा हो जाया करती थी 
कभी बिन बात मम्मी से लड़ जाया करती थी ,
कुछ खट्टी थी कुछ मीठी थी
मेढक  मेढकी की कहानी सुनाया करती थी 
मम्मी वक्त पर खाना ना बना पाए तो 
स्कूल में टिफिन देने आया करती थी 
दिन पसंद नहीं था उनको शायद
इसीलिए
 गाव से हमेशा रात में आया करती थी 


एक अरसा बीत गया उनको गए 
 लेकिन याद कभी कभी आ जाया करती है ।

Happy engagement

ये सिर्फ सगाई की अंगूठी नहीं जीवन भर साथ निभाने का वादा है तुमसे 

क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी