सोमवार, 19 अक्टूबर 2020

I love you 💛❤️😘😘 मा

 मै पूजा तो नहीं करती लेकिन अपनी मा की बात सुनती हूं

मै दिया तो नहीं जलाती ,मा के हाथ ना जले इसलिेए रोटी मै बना लेती हूं 

मै भोग  तो नहीं लगाती ,लेकिन अपनी मा को अपने हाथो से खाना खिला लेती हूं

मै भंडारा तो नहीं करती लेकिन अपनी मा को अक्सर 5 starhotel ले जाती हूं 

मै मंदिर में चुनरी तो नहीं  उड़ाती लेकिन अपनी मा को सुंदर साड़ी दिला देती हूं 

मंदिर में माथा टेकने भले ना जाऊं ,रोज़ मा के पैर छूकर आशीष जरूर लेती हूं 




मुफ्त का ज्ञान

बेवफाई के दौर में वफ़ा की उम्मीद मत रखिए 
2000 के नोट के समय में 1000 मिलना मुश्किल है 
इसलिए   जेब में हमेशा 500 के नोट रखिए 
नहीं तो   खुल्ले कराने के लिए दर दर भटकिए 
मुफ्त का  ज्ञान है लो नहीं तो  आगे बढ़िए 

मंगलवार, 13 अक्टूबर 2020

Baba ka dhaba

बाबा अगर 80 साल का होकर dhaba चला सकता है तो तुम 
Bata तो चला ही सकते हो 
😁


जीवन ऐसे जिओ

 जीवन बहुत ही छोटा है इसे खुल कर जिओ ऐसा ना हो जब मौत दस्तक देने लगे  तब यमराज से बोलो जरा रुको कुछ और काम करने हैं जरूरी काम है थोड़ा सा और जी लेने दो

मेरी मानो अगर तुमने जिंदगी को खुलकर नहीं जिया आनंदपूर्वक नहीं जिया तो अभी रुको और जरा सोचो मृत्यु शैया पर लेटे हुए तुम बस यही सोच रहे हो अपने बीते हुए सालों में तुमने क्या-क्या किया।

जिस तरह हम दिन समाप्त होने पर अपने मस्तिष्क में विचार करते हैं कि आज मैंने क्या-क्या किया क्या ऐसा काम किया जिसस मेरा आज का दिन सबसे बेहतर हो पाया यह मनुष्य के दिमाग की स्वचालित प्रक्रिया है इसे हम रुक नहीं सकते मस्तिष्क दिन समाप्त होने पर पुनरावलोकन करता है आज ये काम तो कर लिया लेकिन ये काम तो शेष रह गया मैं जल्द ही इसे आने वाले दिनों में निपटा लूंगा

कुछ लोग डायरी लिखना पसंद करते हैं जिसमें वह दिन में किए हुए कार्य का लेखा-जोखा लिखते हैं उन्हें पता होता है उन्होंने कौन से काम किए और कौन से करना बाकी है 

दैनिक लक्ष्य बनाते हैं साप्ताहिक लक्ष्य बनाते हैं वार्षिक लक्ष्य बनाते हैं और जीवन का लक्ष्य का क्या 

लक्ष्य को प्राप्त करने के होड़ में हम बहुत कुछ पीछे छोड़ आते हैं वह है हमारा जीवन को आनंद पूर्वक और खुले मन से जीना


मुझे खुशी है कि मैं उम्र के सही पड़ाव पर यह जान गई की जीवन को प्रसन्नता पूर्वक जीना चाहिए ईश्वर का आभार व्यक्त करना चाहिए हर दिन हर समय

मैं अपने जीवन में पीछे मुड़कर देखती हूं तो मैंने बहुत से अच्छे कार्य किए अपने लक्ष्यों को हासिल किया लेकिन एक चीज चीज मिसिंग थी वह थी अपने जीवन को प्रसन्नता पूर्वक जीना और वर्तमान में रहकर उसका पूरा मजा उठाना बस यही रह गया

मैं यही कहना चाहती हूं आज के दिन आप अभी इसी समय इसी क्षण रुके आपकी जो उम्र है उससे 5 साल पीछे देखिए फिर 5 साल पीछे देखें और सोचिए क्या मैंने अपना जीवन प्रसन्नता पूर्वक जिया या मैंने अपना सारा जीवन दुनिया के का प्रपंचों और लड़ाई झगड़ा रूठना मनाना किसी का दिल दुखाया

यह सब किया 

जीवन एक लंबी सड़क की तरह है जहां से चलना शुरू किया था (जन्म) सब हमें पता है लेकिन कहां तक जाना है यह नहीं पता

हम सभी इंसान, जीवन रूपी सड़क पर चल रहे हैं किसी के चलने की शुरुआत हमारे साथ हुई और किसी के हमारे बाद 

और किसी के सफर की शुरुआत हमारे बीच सफर के दौरान हुई जैसे कि हमारे बच्चे हम अपनी जीवन रूपी सड़क पर काफी सफर तय कर लेते हैं तभी हमारे बच्चों का जन्म होता है हमें काफी अनुभव हो जाता है की कैसे जीना है कैसे जीवन रूपी सड़क पर चलना है, कुछ महा अनुभवी लोग


हमें सिखातें है की किस प्रकार जीवन जिया जाए हमें उनकी बात सुनना चाहिए 

Regret karne ke liye kuch mat chorna 

Kynki bhai ye jeevan क्षणभंगुर है।☺✌

सोमवार, 12 अक्टूबर 2020

प्याज़ के दाम


प्याज़ होती है बड़ी निराली 
कभी हसाती तो कभी रुलाती 
कभी अपने पास बुलाती 
मुझे अपने घर में रख लो ये कह कर चिढाती
कभी आसमान पर चढ़ जाती (महंगी)
तो कभी जमीन में लुड़क जाती (सस्ती)
जब भी मेरी कढ़ाई में जाती 
स्वाद खाने का बढ़ा जाती 
बिना इसके खाने में रह ना जाए कोई दम ख़म
इसीलिए तो शलजम  कहते  इसे हम 😂😀😀😀😀😀

3 साल की बेटी से रेप

  3 साल की बेटी से रेप

देखकर होता है बड़ा खेद

अगर नहीं है खुद के घर में safe

बंद करो फिर ये इंसाफ का झूठा खेल 

मिल जाता इंसाफ अगर इतनी आसानी से 

तो होता ना आबरू से इनकी कोई खेल किसी दुराचारी से,

कहना बस ये चाहती हूं मै इस कविता से 

कैंडल जलाकर भले ना हमदर्दी जताओ

लेकिन बेटो को अच्छी बातें जरूर सिखाओ

तभी बलात्कार जैसी घंटनाओ में कमी आयेगी

बेटियां फिर से सर उठा कर चल पाएंगी






सोमवार, 28 सितंबर 2020

दिल चाहता है

कभी कभी  दिल चाहता है उसे फिर से पा लू ,पर शायद ये मुमकिन नहीं 

बड़ी दूर आ गए है हम ,वापस उस दोराहे पर जाने की हिम्मत नहीं 

पलटकर देखा ना एक पल भी हमें जाते हुए ,हम फिर कियू फिकर करे 

अच्छा होगा ज़िन्दगी में आगे बढ़े 

क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी