प्याज़ होती है बड़ी निराली
कभी हसाती तो कभी रुलाती
कभी अपने पास बुलाती
मुझे अपने घर में रख लो ये कह कर चिढाती
कभी आसमान पर चढ़ जाती (महंगी)
तो कभी जमीन में लुड़क जाती (सस्ती)
जब भी मेरी कढ़ाई में जाती
स्वाद खाने का बढ़ा जाती
बिना इसके खाने में रह ना जाए कोई दम ख़म
इसीलिए तो शलजम कहते इसे हम 😂😀😀😀😀😀
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