शुक्रवार, 31 जनवरी 2020

आंखों में नमी

आंखों में बरसात के बाद जब वो नमी सूख जाती है ना तब ज़िन्दगी का रास्ता साफ दिखाई देने लगता है 

शुक्रवार, 17 जनवरी 2020

Apno ka saath

Zindagi ke do  panno pe likh di saree kahani
Padhkar samjh le ae zamane agar samjh sako to
Kahi dikhega gum jee bhar ke, paoge khushiyan kahi
Likha jaha dard waha thamane wale hath kahi choot gaye the
Jaha dekhe muskurahat sabdo mein to jaan lena kisi ne aakar phir se tham liya dagmagatie palo mein


मंगलवार, 12 नवंबर 2019

Zindagi ek safar

सोचा ना था चलना पड़ेगा इस कांटो भरे सफर पर लेकिन चलना ही पड़ा  क्योंकि चलना ही है जिंदगी और रुकना मौत
हाथों में देखी थी हमने लकीरे एक बार ....लगा था तब हमें किस्मत में है हमारी कुछ खास... जिंदगी में कुछ कदम चले आगे देखा आया ना कुछ रास
जिंदगी को काटो हंसकर या रो कर है बस तुम्हारे हाथ
जिओ उस पल को खुल कर जी भर के जिसको जिंदगी दे तुम्हें उपहार


जिंदगी देगी दर्द भी और देगी खुशी भी
जब दर्द दे तो भुला देना जब खुशी दे तब उसको खुद में समा लेना

शनिवार, 12 अक्तूबर 2019

अपना पराया

अंधेरी में बादल दिखाई नहीं देते और उजालों में दिखाई देते हैं
ऐसा हमारे साथ भी होता है जिंदगी में कभी-कभी हमें ऐसा लगने लगता है कि हमारे साथ तो कोई भी नहीं है हम अकेले हैं इस दुनिया में हमारी फिक्र करने वाला कोई नहीं लेकिन कुछ लोग हमेशा साथ होते हैं लेकिन वह अपनापन नहीं
जताते और वक्त पड़ने पर साथ दे जाते हैं।
ऐसे लोगों की हमेशा कद्र करो क्योंकि यह मन के सच्चे होते हैं यह दिखावे में विश्वास नहीं करते हैं और हमेशा आपके साथ रहते हैं दुनिया में सच्चाई बहुत कम ही मिलती है।

शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2019

मिलना और बिछड़ना

मन करता है कभी बादलों में छुप जाऊ तो कभी मन करता है बूंदों सा धरती पर बरस जाऊं
चूम लूंगा जब धरती को तो महक जाएगा  ये समा
 मिलन भी है जुदाई भी, बदलो से बिछड़ना ..धरती से मिलन
सही कहते है लोग कभी कभी बिछड़न से ही मिलन होता है।

शनिवार, 21 सितंबर 2019

Nature's love

Falling raindrop on my cheeks feels like nature is kissing me with bliss
Thank u mother nature for this immense love........

Dil Diya kya

Kajal lagakar singar to kar liya Man ka singar kiya kya
Kajra re aankhon mein Basa to liya hone Dil mein tumne unko basaya Kya
Dil mein basaya bhi to Kya hua rooh main utara Kya
Jism to oodh liya ek dosre ka  par roooho me utar ke Kya
Do paise de diye daaan me to Kya kabhi kisi ki muskurat ka Karan bane kya





क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी