शुक्रवार, 13 सितंबर 2019

Gravity ki khoj Newton ne ki thi ya Einstein ne

अरे यार बंदा कॉमर्स बैकग्राउंड से है हो जाता है यार कभी गलती गलती में ज़ुबान फिसलगई इसका यह मतलब नहीं है कि यार उसकी आलोचना क्रिटिसाइज करते रहोगे माफी भी तो मांगी है गलती करने पर हो जाता है जुबान फिसल जाती है गलती से निकल गया मु....से की ग्रेविटी की खोज आइंस्टाइन ने की थी
अब ऐसे कई लोग हैं जिनको खुद ग्रेविटी या थ्योरी ऑफ रिलेटिविटीनहीं पता बस इतना पता है इनकी खोज किसने की सब अपना ज्ञान पेल रहे हैं बड़े आश्चर्य की बात है


नकारात्मकता से कैसे बचें

हम दूसरों को ज्ञान देने में हमेशा आगे रहते हैं किसी को दुख के समय सांत्वना देनी हो या सलाह देनी हो या दुख की घड़ी में उसको हल्का करना हो यह सभी काम हम दूसरों के लिए बेहतर तरीके से कर सकते हैं लेकिन वही परिस्थितियां अगर हमारे सामने आकर खड़ी हो जाती हैं तो हमारे अंदर मौजूद एक समझदार इंसान जो किसी भी परिस्थिति को हैंडल कर सकता है वह कहां चला जाता है पता नहीं
इसलिए ना कहते हैं की सलाह देना यह ज्ञान देना बड़ा आसान होता है जब खुद पर वो बात आती है तो सब की सूझबूझ तेल लेने चली जाती है।
किसी भी नकारात्मक परिस्थिति में हमें अपने आप को कंट्रोल करना है अपने इमोशंस को कंट्रोल करना है हमें खुद ही संभालना है।
इस संसार में प्रत्येक व्यक्ति का एक अलग लेवल ऑफ अंडरस्टैंडिंग होता है जिसके अकॉर्डिंग वह काम करता है हो सकता है आपका लेवल और अंडरस्टैंडिंग उस व्यक्ति के कंपैरिजन में कम या ज्यादा हो bus yahi yah understanding ka mismatch झगड़े का कारण बनता है।
यदि आप सोचते हैं कि यह व्यक्ति क्यों ऐसी बातें कर रहा है क्यों मुझे आलोचना कर रहा है तो यह उसकी समस्या है वह मजबूर है ऐसा करने के लिए चलिए आपको मैं एक उदाहरण के द्वारा समझाती हूं।
एप्पल के आईफोन का कंफीग्रेशनदूसरे मोबाइल की कंफीग्रेशन से अलग है,दोनों तरह से काम करते है
अब इसमें आप नाराज होने लगे यह फोन एप्पल की तरह काम क्यों नहीं कर रहा इससे आप गुस्सा हो जाओ फोन को तोड़फोड़ दो या आपकी गलती है आपको समझना है जैसा उसके अंदर प्रोग्रामिंग याकंफीग्रेशन होगा वह उसी के अनुसार ही काम करेगा ऐसे ही इंसान होता है उसके अंदर जिस प्रकार के विचार भाव लेवल ऑफ अंडरस्टैंडिंग होते हैं उसी प्रकार से काम करेगा इसलिए समझदारी से काम लीजिए अपने आप को शांत रखिए और किसी भी प्रकार की नकारात्मक परिस्थिति से खुद को बाहर निकालिए

गुरुवार, 12 सितंबर 2019

Jane Kya baat hui

ना जाने क्या बात हुई आंखों ही आंखों में
ले गए दिल ले गए सुकून हमारा
कहने को तो दिल था हमारा उनके पास
लेकिन रूह तक छोड़  आए थे उनके पास
अब जिए तो जिए कैसे रूह के बिना
रूह नहीं है कुछ तेरे जिस्म के सिवा



सोमवार, 9 सितंबर 2019

नजरों से गिर गए वो लोग

नजरों से गिर गए वो लोग जो कभी दिल में रहा करते थे
अब मालूम हुआ कि क्यों आंखे अक्सर भारी भारी  रहा करती थी
बेगानो को सर पर जो बिठा लिया था

शायरी दिल से

आज नजरों से भी उतर गए वो लोग जो कभी दिल में बसा करते थे
अच्छा हुआ खाली कर दी वो जगह जहां से उनको निकालना मुश्किल था।





गुरुवार, 22 अगस्त 2019

स्वार्थी होने से अच्छा है सारथी बन जाओ

जीवन में कभी मौका मिले तो सारथी बनो स्वार्थी नहीं सारथी वह होता है जो दूसरों की मदद करता है और उसको उसकी मंजिल तक पहुंचाता है सारथी युद्ध क्षेत्र में योद्धा को गंतव्य स्थल तक पहुंचाता है महाभारत में श्रीकृष्ण ने सारथी की भूमिका निभाई और अर्जुन का उचित मार्गदर्शन भी किया सारथी आजकल के आधुनिक युग में ड्राइवर भी कह सकते हैं एक ड्राइवर भी सारथी की तरह ही तो है आपको आपकी मंजिल तक पहुंचाता है स्वार्थी बनने से अच्छा है सारथी बन जाओ ‌

How to stay away from negative people

अच्छे बनोसबसे घुलो बोलो मिलो यह सब अच्छी बात है लेकिन इस बात का भी ध्यान रखो कि आप किस प्रकार की व्यक्ति से मिल रहे हैं या उसकी संगति कर रहे हैं क्योंकि संगती का हमारे मन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव होता है इसलिए कोशिश करें ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों के साथ आप अपना टाइम सेट करें सकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों के आसपास बैठने से आपको उनकी पॉजिटिव एनर्जी का एहसास होगा दरअसल अपने साथ एक इनविजिबल औरा क्रिएट करते हैं जो कि आसपास के वातावरण को भी प्रभावित करती है आप अगर अच्छे लोगों के साथ अपना समय व्यतीत करेंगे तो वह क्वालिटीज आपके अंदर भी आ जाएंगी

उसे हम एक उदाहरण समझ लेते हैं जैसे कि पानी को किसी भी पदार्थ में मिलाया जाए तो वह उसके साथ घुल जाता है चाहे वह जहर ही क्यों ना हो, ठीक उसी प्रकार यदि आप अपना स्वभाव पानी की तरह बनाएंगे तो नकारात्मक शक्तियों के गुण भी आप में आ जाएंगे इसलिए खुद को नकारात्मक व्यक्तियों से दूर रखें इसमें आपकी ही भलाई है।

लेकिन जीवन में कभी-कभी ऐसा भी होता है कि नकारात्मक व्यक्ति अपने घर में ही होते हैं तो उनसे डील करने के लिए आप उनसे बहस ना करें शांत रहें और हो सके तो उनसे दूर रहें।
ऐसा भी हो सकता है कि वह नकारात्मक व्यक्ति आपका पति या पत्नी हो तब आपको क्या करना है आपको खुद सकारात्मक बनना होगा अच्छे काम करने होंगे धीरे धीरे वह भी आपकी तरह बन जाएगा।
इसमें थोड़ी देर लग सकती है लेकिन देर सबेर व्यक्ति आपकी गुणों को अपनाने लगेगा।

क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी