सोमवार, 31 दिसंबर 2018

2018 हो गया  9 2 11

Lekar baho mein mujhko tujh mein kho Jane dena
Ruk jaye jo dhadkan meri to seene se Laga ke ise  phir se dhadka dena

Bhol jau gar
 saans Lena to to en saanso ko apni saanso
Se mehka dena

 ye natkhat nigahe kaha manti nahi
Tujh par chahti hai atakna mera kaha manti nahi  
Maine poocha asa kya khas hai es bande mein
To boli dosra koi khas hai hi nahi
इस कदर मोहब्बत हुई हमे उनसे की क्या कहे , बेवफाई मिलने पर भी बदुआओ  में भी दुआएं निकली।


रविवार, 30 दिसंबर 2018

यूं अधूरा लिख कर मत छोड़ मुझे , लेकर बाहों में पूरा कर  दे मुझे

 प्यार के अल्फ़ाज़ अधूरे हो या पूरे , यादों के निशान छोड़ ही जाते है।
कितना भी चाहे मिटा लो इनको ,नफरतों के असर को बेअसर कर ही जाते है।
चेहरे पर जो ये नूर है ये कोई लेप का कमाल नहीं, मेरे साजन के आने का पैगाम है ।


क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी