बुधवार, 24 मार्च 2021

ठेढे मेढे रास्ते

ठेढ़े मेढे पर न चल सखी , चोट लग गई तो पाव सूज जाएगा 
पाव सूज गया तो , पायल टूट जायेगी और मुझे तेरे पायल की रुनझुन बेहद पसंद है ।

शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2021

Strong women power shyari hindi

 कांच का ग्लास थोड़े हूं साहब जो टूट जाऊंगी, मै तो  हूं वो फौलादी चट्टान अगर हाथ भी लगाओगे तो मूरत बन जाऊंगी 


गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021

सोमवार, 8 फ़रवरी 2021

शनिवार, 6 फ़रवरी 2021

दिक्कत

दिक्कत से बोला मैंने इतनी दिक्कत होती है तो आती कियु हो मुझे दिक्कत देने ,तो दिक्कत बोली 
तुझे दिक्कत देने में मुझे कोई दिक्कत नहीं ,बस ये दिक्कत है तू दिक्कत में नही है

किताबों मे डुबकी लगाकर

किताबों में डुबकी लगाकर तो देखो यारो ना मोती मिले तो कहना 

 कातिल निगाहों से हटकर ज़रा इनके तरफ देखो ना ज़िन्दगी गुलज़ार ना हो जाए तो कहना 




मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021

मासूम बतख और कातिल मुसाफिर

 एक मुसाफिर सफर करता हुआ थक गया था तो वह एक पेड़ के नीचे बैठ गया और आराम करने लगा पेड़ की छांव में उसे बहुत अच्छा लग रहा था और उसकी नींद लग गई कुछ देर बाद वहां एक बतख आया बत्तख ने पूछा क्यों भाई थक गए हो तो मैं कुछ मदद चाहिए बहुत मासूम था बत्तख मुसाफिर नहीं बताती हो देखा मुसाफिर बहुत दिनों से भूखा था उसे भूख भी लग रही थी और उसे प्यास भी लग रही थी उसने की और देखा और उसके मुंह में पानी आ गया उसने सोचा इस को मारकर मैं अपनी भूख मिटा लूंगा फिर उसने सोचा मुझे प्यास भी तो लगी है अगर मैं से मारकर खा लूंगा तो मेरी प्यास कैसे बुझेगी भूख तो मिट जाएगी लेकिन प्यास का क्या करूंगा तो उसे तरकीब सूझी वह मुझसे बोला मुझे प्यास लगी है मुझे पानी पीना है क्या तुम मेरी मदद करोगी बतख पूजा हां क्यों नहीं मैं तुम्हारी मदद जरूर करूंगा पास ही में एक तालाब है मैं तुम्हें वहां ले चलता हूं तो तुम पानी पी लेना और अपनी प्यास बुझा लेना 

मुसाफिर मन ही मन में मुस्कुराया और और बतख के साथ चल दिया कुछ ही दूर पर तालाब था उसने पानी पिया और बतख को मारकर खा लिया बेचारा बतक मर गया

क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी