बुधवार, 27 अप्रैल 2022

तेरे सिवा

 तेरे सिवा ना कुछ कहेंगे ना कुछ सोचेंग़े ये आरज़ु हैं दिल की तूझे बेहिसाब प्यार करेंग़े

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क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी