गुरुवार, 28 अप्रैल 2022

बुधवार, 27 अप्रैल 2022

ज़िन्दगी को गुलज़ार बनाया

कुछ खोया तो कुछ पाया
ज़िंदगी ऐसी ही है
कभी plus तो कभी minus आया
कभी उलझी तो कभी सुलझी
पर आगे बड़ती गयी
रुकना ना इसे आया 



देर से ही सही पर सब समझ आया 
सत्कर्मों से ज़िंदगी को गुलज़ार बनाया 

तेरे सिवा

 तेरे सिवा ना कुछ कहेंगे ना कुछ सोचेंग़े ये आरज़ु हैं दिल की तूझे बेहिसाब प्यार करेंग़े

Dil Se dil ko milao

 Dil se dil Milao Surat kis kam Ki 

Karke Mehboob ka deedar badhe na dhadkane  wo dhadkane kiss Kaam ki 


क़ीमत

क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी