Life में कुछ लोग इतने irritating होते है ,
कि अगर वो ऊपर चले जाए तो नीचे शांति हो जाती है ।
जब बूढ़े हो जाएंगे तो जवानी याद करेंगे
और जब मृत्यु शया पर होगे तब पूरी ज़िन्दगी याद करेंगे
Earphone पे गाना सुन सुन कर हम ,कान फोड़ लिए
मर जाएंगे हम अगर , एकबार भी dhinchak pooja को सुन लिए
मै पूजा तो नहीं करती लेकिन अपनी मा की बात सुनती हूं
मै दिया तो नहीं जलाती ,मा के हाथ ना जले इसलिेए रोटी मै बना लेती हूं
मै भोग तो नहीं लगाती ,लेकिन अपनी मा को अपने हाथो से खाना खिला लेती हूं
मै भंडारा तो नहीं करती लेकिन अपनी मा को अक्सर 5 starhotel ले जाती हूं
मै मंदिर में चुनरी तो नहीं उड़ाती लेकिन अपनी मा को सुंदर साड़ी दिला देती हूं
मंदिर में माथा टेकने भले ना जाऊं ,रोज़ मा के पैर छूकर आशीष जरूर लेती हूं
जीवन बहुत ही छोटा है इसे खुल कर जिओ ऐसा ना हो जब मौत दस्तक देने लगे तब यमराज से बोलो जरा रुको कुछ और काम करने हैं जरूरी काम है थोड़ा सा और जी लेने दो
मेरी मानो अगर तुमने जिंदगी को खुलकर नहीं जिया आनंदपूर्वक नहीं जिया तो अभी रुको और जरा सोचो मृत्यु शैया पर लेटे हुए तुम बस यही सोच रहे हो अपने बीते हुए सालों में तुमने क्या-क्या किया।
जिस तरह हम दिन समाप्त होने पर अपने मस्तिष्क में विचार करते हैं कि आज मैंने क्या-क्या किया क्या ऐसा काम किया जिसस मेरा आज का दिन सबसे बेहतर हो पाया यह मनुष्य के दिमाग की स्वचालित प्रक्रिया है इसे हम रुक नहीं सकते मस्तिष्क दिन समाप्त होने पर पुनरावलोकन करता है आज ये काम तो कर लिया लेकिन ये काम तो शेष रह गया मैं जल्द ही इसे आने वाले दिनों में निपटा लूंगा
कुछ लोग डायरी लिखना पसंद करते हैं जिसमें वह दिन में किए हुए कार्य का लेखा-जोखा लिखते हैं उन्हें पता होता है उन्होंने कौन से काम किए और कौन से करना बाकी है
दैनिक लक्ष्य बनाते हैं साप्ताहिक लक्ष्य बनाते हैं वार्षिक लक्ष्य बनाते हैं और जीवन का लक्ष्य का क्या
लक्ष्य को प्राप्त करने के होड़ में हम बहुत कुछ पीछे छोड़ आते हैं वह है हमारा जीवन को आनंद पूर्वक और खुले मन से जीना
मुझे खुशी है कि मैं उम्र के सही पड़ाव पर यह जान गई की जीवन को प्रसन्नता पूर्वक जीना चाहिए ईश्वर का आभार व्यक्त करना चाहिए हर दिन हर समय
मैं अपने जीवन में पीछे मुड़कर देखती हूं तो मैंने बहुत से अच्छे कार्य किए अपने लक्ष्यों को हासिल किया लेकिन एक चीज चीज मिसिंग थी वह थी अपने जीवन को प्रसन्नता पूर्वक जीना और वर्तमान में रहकर उसका पूरा मजा उठाना बस यही रह गया
मैं यही कहना चाहती हूं आज के दिन आप अभी इसी समय इसी क्षण रुके आपकी जो उम्र है उससे 5 साल पीछे देखिए फिर 5 साल पीछे देखें और सोचिए क्या मैंने अपना जीवन प्रसन्नता पूर्वक जिया या मैंने अपना सारा जीवन दुनिया के का प्रपंचों और लड़ाई झगड़ा रूठना मनाना किसी का दिल दुखाया
यह सब किया
जीवन एक लंबी सड़क की तरह है जहां से चलना शुरू किया था (जन्म) सब हमें पता है लेकिन कहां तक जाना है यह नहीं पता
हम सभी इंसान, जीवन रूपी सड़क पर चल रहे हैं किसी के चलने की शुरुआत हमारे साथ हुई और किसी के हमारे बाद
और किसी के सफर की शुरुआत हमारे बीच सफर के दौरान हुई जैसे कि हमारे बच्चे हम अपनी जीवन रूपी सड़क पर काफी सफर तय कर लेते हैं तभी हमारे बच्चों का जन्म होता है हमें काफी अनुभव हो जाता है की कैसे जीना है कैसे जीवन रूपी सड़क पर चलना है, कुछ महा अनुभवी लोग
Regret karne ke liye kuch mat chorna
Kynki bhai ye jeevan क्षणभंगुर है।☺✌
क़ीमत भी अदा करनी पड़ी हमे उस रिश्ते की जिसकी कोई क़ीमत न थी